|| गर्भ संवाद हिंदी में ।।
(नोट कृपया इस गर्भ संवाद को दिन में तीन बार ऊँचे आवाज :- में पढ़ें )
गायत्री मंत्र 3 बार
3 बार महामृत्युंजय मंत्र
मेरे प्यारे बेटे आप जन्म लेने वाले हो यह पता चलने पर मैं, आपके पापा, दादा दादी इतने खुश हुए की यह नौ महिने और 7 दिन कब खत्म होते हैं और हम सब आप को कब गोद में लेते हैं ऐसा हो रहा है। लेकिन इसलिए आप बाहर आने की जल्दी मत करना पूरे दिन होने तक अंदर ही रुकना । आप बढ़िया सुदृढ बनना और पूर्ण स्वस्थ होकर ही बाहर आना ।
बेटा आज मैं थोडी व्यस्त थी, पर इतनी व्यस्तता में भी आपकी तरफ ध्यान नहीं ऐसा कभी भी नहीं होता। मैं कोई भी काम करती रहूं, मेरे अंतरमन में आपका एहसास हमेशा होता रहता है। बेटा आप को इस दुनिया में आकर असामान्य जीवन जीना है । आप लड़का हो या लड़की हो यह जरुरी नही आपको इस दुनिया में आकर अपना जीवन सार्थक करना है। यह बहुत जरुरी है। आपको एक उत्कृष्ट बालक, उत्कृष्ट विद्यार्थी और एक उत्कृष्ट इन्सान बनकर इस दुनिया में आपनी अलग पहचान बनानी है जिसके लिए आप में जिज्ञासा का गुण होना चाहिए। आप में नया नया ज्ञान हासिल करने की इच्छा होनी चाहिए। ज्ञान से जीवन की तरफ देखने का सही नजरिया मिलता है।
बेटा जीवन में आप कभी खुद को कम नहीं समझोगे । हीन भावना निर्माण नहीं होने दोगे। हमेशा सकारात्मक विचार बनाये रखोगे बेटा अपने क्षेत्र में नेतृत्व करने के लिए एक उत्कृष्ट वक्ता होने के साथ ही एक उत्कृष्ट व्यक्तित्व होना बहुत जरूरी है। अतःआप अपने ज्ञानवर्धन के साथ साथ वाणी को हमेशा मधुर बनाए रखोगे, जिससे दुनिया में आप कहीं भी जाओ आपके चाहने वाले हमेशा बने रहेंगे। बेटा एक उत्तम वक्ता होने के साथ एक उत्तम श्रोता होना भी जरुरी है। सामने वाला व्यक्ति जो कहता है, आप उसे ध्यान से सुनोगे, जिससे कक्षा में क्या पढ़ा रहे हैं, आप को जल्द समझ में आएगा तथा पढ़ाया हुआ आपको याद भी बना रहेगा। शारीरिक दृष्टि से परिपूर्ण होने के लिए आप मैदानी खेल भी खेलोगे वैसे ही मानसिक दृष्टि से भी आप संतुलित रहोगे। विपरीत परिस्थिति में भी आप सामंजस्य बनाकर रखोगे। आप हमेशा खुश, प्रफुल्लित और हँसते हुए रहोगे। बेटा जीवन में समय से बढ़कर बहुमुल्य कुछ भी नहीं बीता समय कभी भी लौटकर नहीं आता । इसलिए आप हमेशा समय का सदुपयोग करोगे ।
आप अपने माता, पिता, गुरुजन, सहयोगी, बुजुर्ग सब का
सम्मान करोगे। आप अपने देश पर गर्व करोगे पुरे मन से दूसरों
की मदद करोगे। लेकिन आप को कोई सता नहीं सके इसकी हमेशा सावधानी भी बरतोगे। आप में समय सूचकता और निर्णय क्षमता ये गुण होना उत्तम रहेगा। कहाँ क्या बोलना है, किससे क्या कहना है, कौन सा निर्णय लेना है यह समझने का गुण आप में रहेगा। आप अपना लक्ष्य निश्चित करोगे और उसे हासिल करने के लिए आप कड़ी से कड़ी मेहनत करने की तैयारी बनाकर रखोगे । कोई भी सफलता मेहनत के बिना नहीं मिलती। सफलता हासिल करने के लिए आप को त्याग व बलिदान करने की क्षमता रखनी पड़ेगी। जीवन पथ बार-बार बदलते रहते हैं। नियम बार-बार बदलते रहते है। आप खुद को भी समय के अनुसार बदलना सीखोगे। आप खुद पर पूरा पूरा नियंत्रण रखोगे। कभी भी नकारात्मक विचार मन में नहीं लाओगे ।
बेटा वैसे तो मैं और आपके पापा आपके जन्म के बाद आपका हमेशा मार्गर्शन करेंगे। लेकिन, अभी बनाये जीवन के शाश्वत सत्यआपको, दिमाग में अंकित होकर रहते हैं, ऐसा हमें गर्भसंस्कार की कक्षा में बताया गया है। इसलिए आप भी इसे रोज ध्यान से सुनकर अपने अंतरमन में संग्रहीत करो।
बेटा आप हमेशा सुंदर, होशियार, सुदृक, परिपूर्ण व्यक्तित्व बनो इसलिए मुझे जो कार्य या व्यवस्था करनी चाहिए वो मैं करूंगी हीं मैं रोज अलग-अलग स्त्रोत्र, सूक्त, ओंकार, ध्यान मंत्र और प्रार्थना बोलूंगी। गणपती बाप्पा, सरस्वती माता, गायत्री माता और सभी देवी-देवताओं से प्रार्थना है कि हम दोनों की हर एक मुश्किल से रक्षा करे और हमारा स्वास्थ्य अच्छा रहें।
इसलिए आपका जन्म होने तक मैं रोज नियम से तप साधना करूंगी। बेटा जब जब मैं यह सब सुनू और बोलूँ तब – तब आप भी इसे ध्यान से सुनना। फिर देखना मेरा बेटा कैसे सर्वगुण संपन्न होकर मानव जाति के इतिहास में एक अदभुत संतान साबित होगा।
सकारात्मक ऊर्जा के लिए सकारात्मक पुष्टि (सकारात्मक विचार)
1. मैं अपने जीवन में बहुत खुश, स्वस्थ, समृद्ध और सफल हूं
2. सभी का मन ब्रह्मा की ओर प्रवाहित हो।
3. मैं शरीर नहीं हूँ, मैं मन नहीं हूँ, मैं वह शुद्ध आत्मा हूँ, शुद्ध चेतना हूँ।
4. मैं बहुत विनम्र और समझदार हूं..
5. मैं बहुत शांत और तनावमुक्त हूं।
6. मैं अति शान्त आत्मा हूँ
7. मैं अति प्रसन्न आत्मा हूँ।
8. मैं बहुत शक्तिशाली आत्मा हूँ।
9. मैं अति निर्भय आत्मा हूँ।
10. मेरा दृष्टिकोण सकारात्मक है।
11. मैं ब्रह्मांड से हमेशा सकारात्मक विचारों और सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करता रहता हूं
12. मैं अपने रास्ते में आने वाली किसी भी बाधा को दूर करने में हमेशा सक्षम हूं।
13. मेरा तन और मन स्वस्थ है।
14. मैं शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक रूप से बहुत मजबूत हूं।
15. मैं हर शरीर को वैसे ही क्षमा करता और स्वीकार करता हूं जैसे वे हैं।
16. मेरा अपने विचारों और भावनाओं पर पूरा नियंत्रण है।
17. मैं सभी चुनौतियों के लिए आभारी हूं और इससे उबरने का साहस रखता हूं।
18. मैं उन सभी परिवर्तनों के लिए आभारी हूँ जिन्होंने मुझे अपने आप को बदलने में मदद की।
19. प्रभु सभी को सदबुद्धि, अच्छा स्वास्थ्य और उज्जवल भविष्य देना ।
20. मैं हमेशा बहुत खुश और आनंदित रहती हूँ।
21. सबका मंगल और सबका कल्याण हो ।
22. मैं सदैव अनुशासित जीवन जिऊंगी।
23. सभी को प्रचंड शरीर बल, मनोबल, आत्मबल और ब्रम्हबल देना
24. मैं किसी व्यक्ति, वस्तु और परिस्थिति पर निर्भर नहीं हूँ।
25. मेरा चरित्र उत्तम है।
26. मेरा गुण, कर्म, स्वभाव, चरित्र, चिंतन और व्यवहार श्रेष्ठ है।
27. मै सदैव शारीरिक और मानसिक ब्रम्हचर्य का पालन करती रहूँगी।
28. मेरा स्थूल, सुक्ष्म और कारण शरीर पवित्र, बलवान और निरोगी है।
29. मैं रोज नियमित जप, ध्यान, योगासन और प्राणायाम करूँगी।
30. मैं सदैव संयमित जीवन जीऊँगी।
31. मैं जीवन भर सात्वीक आहार ग्रहण करूंगी।
32. मैं सदैव दुसरों का सम्मान करूंगी।
33. मैं जीवन भर अच्छा साहित्य (पुस्तकें) पढ़ती रहूँगी।
34. मेरा आत्मविश्वास और आत्मबल प्रचंड है।
35. मेरी इच्छा शक्ति प्रचंड है।
36. मैं जीवन भर मंत्र जप और ध्यान करती रहूँगी।
37. मैं सदैव व्यसनों से दूर रहूँगा।
38. पूरे ब्रम्हाण्ड की सारी शक्तियाँ मेरे साथ है, और मेरे अंदर ऊर्जा का पूरा का पूरा भंडार है।
39. मेरा मन बिल्कुल शांत है।
40. मेरा ध्यान गुजरे हुए कल पर नहीं बल्कि आने वाले पल पर है।
41. मेरा शरीर अंदर से पूरी तरह स्वस्थ है।
42. आज में बहुत अच्छा महसूस कर रही हूँ।
43. मेरा मन आनंद से भरा है और में हमेशा खुश रहती हूँ।
44. आज जो कुछ भी मेरे पास है, और जो लोग भी मेरे साथ है, उन सब के लिए मै पूरे दिल से भगवान को धन्यवाद देती हूँ।